भारत का राजनीतिक इतिहास
राज करने अथवा राज चलाने सम्बन्धी नीति को 'राजनीति' कहा जाता है। स्पष्ट है कि राज करने या चलाने जैसी अति संवेदनशील एवं गम्भीर जिम्मेदारी के लिए इस पेशे में शामिल व्यक्ति को अत्यधिक योग्य, दक्ष, ईमानदार तथा कुशल नेतृत्व प्रदान कर पाने की क्षमता रखने वाला व्यक्ति होना चाहिए। त्रेतायुग में अर्थात भगवान राम के काल के हजारों वर्ष पूर्व से लेकर आजादी से पहले और फिर आजादी के बाद की भारतीय राजनीति ऐसे दिग्गज राजा और राजनेताओं से अटा पड़ा है।
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